मप्र में चुनावी साल शुरू हो गया ऐसे में एक एफआइआर ने शिवराज सरकार की नींद जरूर छीन ली है जी हां महज एक एफआइआर दरअसल मप्र में फिर व्यापम का जिन्न बाहर आ गया है ये एफआइआर आठ साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की शिकायत पर हुई है जिसमें उन्होंने कुछ लोगों की सूची एसटीएफ को दी थी जो ग़लत तरीके से मेडिकल परिक्षा में प्रवेश लिये थे
दा सूत्र की मानें तो साल के खात्मे के पहले दिसम्बर माह में आठ साल की जांच के बाद एसटीएफ ने आठ लोगों पर मामला दर्ज किया है जिसमें पाया गया है कि ये आठ लोग गलत तरीके से मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे ये आठ लोग है प्रशांत मिश्रा ,अजय सेंगर कृष्ण कुमार जयसवाल अनिल चौहान, शिवशंकर प्रसाद ,,हरिकिशन जाटव,अमित बडोले , सुलम़त मोर्य जो झाबुआ ,बालाघाट ,रीवा,बडवानी छत्तीसगढ के अंबिकापुर के रहने वाले लोग है 08/09 में दिग्विजय सिंह ने तीन सूची एसटीएफ को सौंपी थी जिसमें मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल लोगों का पता ,कहा से स्कूल पास किया सहित अन्य दस्तावेज थे सरकार ने बेशक व्यापम का नाम बदल कर इसके भूत से पीछा छुडाने की कोशिश की थी पर लगता नही है कि चुनावी साल में इस मुद्दे से बच पाएगें हो सकता है आने वाले समय में सरकार के नुमाइंदे सफाई देने सामने आए
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