मंडला के निवास में चिटफंड कंपनी के दो एजेंट गिरफ्तार

शुक्रवार को मंडला के निवास में एक चिटफंड कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। एलजेसीसी लस्टिनेस क्रेडिट कापरेटिव सोसायटी नाम की इस कंपनी में निवास नगर में सैकड़ों लोग पैसे जमा कराते थे हालांकि पुलिस को अभी तक 45 लोगों की ही शिकायत प्राप्त हुई है जिनका आरोप है कि उनका पचास लाख रुपए के लगभग जमा हैं।

गुरुवार को निवास थाना में एलसीसी कंपनी में कार्यरत एंजेट फरीद खान और उसकी पत्नी आयशा के खिलाफ आवेदक इमरान अली सहित 45 लोगों ने बैंक में बचत खाता के नाम पर पचास लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने की शिकायत की है शिकायत में मुख्य शिकायत कर्ता इमरान अली ने आरोप लगाया गया है कि फरीद खान और उसकी पत्नी ने प्रति दिन निश्चित राशी वशूली करते थे वो और उसकी पत्नी ने कुल 1 लाख 89 हजार रुपए जमा किए हैं

समय पूरा होने के बावजूद इनके व्दारा ली हुई राशी वापिस नहीं की जा रही है। शिकायत कर्ता का कहना है कि हमने बैंक का आफिस और अधिकारी की जानकारी भी मांगा लेकिन कोई जानकारी नहीं दी जा रही है ज़हां आफिस खोला गया था वहां से बोर्ड हटने से उन्हें दोनों लोगों पर संदेह हुआ। आवेदक के साथ 44 अन्य लोगों ने भी आवेदन दिया है। जिस पर पुलिस जांच की बात कर रही है

चिटफंड कंपनी के दो एजेंट गिरफ्तार भेजा जेल

आवेदकों ने बताया कि दिसंबर माह में नौ लोग पुलिस में शिकायत करने पहुंचे थे तब आरोपीयों ने एक माह का समय मांगा था कि जनवरी तक लोगों की समय सीमा है समय सीमा में ही जमा राशी दी जाएगी जिसके बाद शिकायत कर्ता जनवरी तक रूक गए थे। थाना प्रभारी वर्षा पटेल ने बताया कि इमरान अली की शिकायत पर पुलिस ने दोनों लोगों के खिलाफ 336(3) ,318(4),338,3(5 ) में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच की जा रही है कि इस चिटफंड कंपनी के नाम पर कितने लोगों के खाता खोल कर राशी वशूली की गई है मामले में जो भी तथ्य आएंगे उस आधार पर कार्रवाई होती जाएगी।

हालांकि ऐसी भी जानकारी लगी है कि कंपनी के लिए एक वर्ष और तीन वर्ष के लिए राशी जमा कराई जाती थी। अभी कुल 60 से 65 लोगों के खाते संचालित है। पुलिस जांच में तथ्य सामने आएंगे।

आरबीआई व्दारा चलाए जा रहे कैंपेन पर लोगों का लालच भारी

आरबीआई,केंद्र और राज्य सरकारों व्दारा लगातार मोबाइल से लेकर तमाम संचार के साधनों में चिटफंड कंपनी से बचने के आग्रह और चेतावनी को लोगों का लालच मात दे रहा है बिना किसी दस्तावेज मिले लोग महज दो रूपये की एक डायरी में विश्वास कर जीवन में कमाई गई पूंजी को इस तरह से गंवा रहे हैं यह कोई पहला मामला नहीं है जिले में दर्जनों ऐसे मामले बीते सालों में हो चुके हैं फिर भी लोग नेशनल बैंकों को छोड़कर चिटफंड कंपनी पर विश्वास कर रहे हैं। कंपनी की वेबसाइट खोलते ही कुछ और दिख रहा है यह पूरी तरह से गुमराह कर रही है दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के सिंगरौली और दमोह में इस कंपनी में कार्यरत एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज है।

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