मकर संक्रांति में खुरचन

खुरचन शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर किसी बात की परत निकालने के लिए किया जाता है मगर क्या आपको पता है कि खुरचन नाम एक किस्म की मिठाई के लिए भी प्रयुक्त होता है भारत में मीठा खाने और खिलाने की परंपरा रही है शायद ही कोई हो जिसका मीठा खाने का मन न करें यूं तो भारत के अलग अलग राज्यों में मीठा के सैकड़ों किस्म मिल जायेगें जिनकी कीमत भी उनके गुणों के आधार पर रहती है आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे ही परपंरागत तरीके से बनने वाली एक ऐसी मिठाई की जो महज एक ही क्षेत्र में बनती है नाम है खुरचन।

कंहा मिलती है खुरचन

मकर संक्रांति का वक्त है घरों में वैसे भी मीठा बन रहा होगा तो इस मीठे को भी घर में बनवाएं बेहद आसान है इसे बनाने की विधि पर पहले यह जान लीजिए कि आखिर यह शानदार मिठाई कहा पर मिलती है मध्यप्रदेश के सतना जिले में शहर से बीस किमी दूर सतना रीवा नेशनल मार्ग में बसा गांव रामवन में यह मिठाई बनाई जाती है

यंहा के रहने वाले अधिकतर लोग इस मिठाई का व्यापार करते हैं सतना रीवा मुख्य मार्ग के किनारे आधा किमी के क्षेत्र में सैकड़ों छोटे छोटे टपरे सड़क के दोनों किनारे मिल जाएंगे इन टपरों में बिकता है खुरचन इन मार्गों से निकलने वाले लोग इस मीठा को खरीदना नहीं भूलते कीमत तीन सौ से चार रूपए किलो के बीच होती है

इस मिठाई को लोग कितना पसंद करते हैं इसका अंदाजा इसकी बिक्री से लगाया जा सकता है हमने यंहा मौजूद लोगों से पूछा तो उन्होने बताया कि हर टपरे वाला चार से पांच किलो खुरचन बैंच लेता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मिठाई का सो सालों से अधिक समय से स्थानीय लोग बना रहे हैं।

कैसे बनता है खुरचन
हर एक मिठाई को बनाने की विधि अलग अलग होती है खुरचन की विधि भी अलग है पहले आपको आपके बचपन में ले चलते हैं कुछ याद आ जाएगा याद कीजिए जब पतीले में रखा दूध खत्म हो जाता था तब उस पतीले के अंदर किनारे पर जमी मलाई को चम्मच के सहारे खुरच खुरच कर निकल कर चट कर जाते थे

दरअसल खुरचन मिठाई भी इसी तकनीकी से बनती है दूध को ओंटाया जाता है जितनी बार भी मलाई की परत जमती है उसे निकाल कर प्लेट में रखते जाते हैं एक परत के ऊपर दूसरी परत इस तरह दूध को ओंटा ओंटा कर उससे बनी मलाई की कई परत एक दूसरे पर रख जमा दिया जाता है एक मीठे के टुकड़े में दर्जनों परत साफ दिखाई देंगी।
तो जब आप सतना या रीवा जाएं तो रामवन में मिलने वाले इस अद्भुत परंपरागत मिठाई का लुत्फ जरूर उठाएं

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