कुछ तस्वीर जिसे हमारी आंखें देखती है मगर दिमाग उस तस्वीर को लेकर कुछ और कहता है इसी को optical illusion कहते हैं जिसमें हमारी आँखें वास्तविकता को एक अलग तरीके से दिखाती है यह हमारे दिमाग की उन सीमाओं को भी उजागर करते हैं, जहाँ वह वास्तविकता को सही तरीके से नहीं पकड़ पाता। तो आइए जानते हैं ऑप्टिकल इल्यूज़न के बारे में, और कैसे यह हमारे दिमाग को भ्रमित करता है।
optical illusion क्या है
optical illusion एक प्रकार की मानसिक और दृश्य त्रुटि होती है, जब हमारी आँखें किसी दृश्य को उस तरह से देखती हैं, जैसा कि वह वास्तव में होता नहीं। यह तब होता है जब हमारी आँखों को किसी दृश्य के कई संभावित अर्थ समझने के लिए मजबूर किया जाता है।
आप में से कई पाठक ऊपर दिए तस्वीर में एक अक्षर ढूंढने की कोशिश जरूर किए होंगे ऐसे ही भृमित होना ही optical illusion है यह कई बार स्वंय तो बार जानबूझ कर कराया जाता है जरूरी नहीं है कि यह तस्वीर के जरिए हो यह किसी विषय पर कई गई बातों से भी कराई जा सकती है.
ऐसे कई उदाहरण हैं, जैसे कि प्रसिद्ध “नेकर क्यूब” जिसमें एक साधारण क्यूब की छवि दिखाई जाती है, लेकिन यह क्यूब कभी एक दिशा में, कभी दूसरी दिशा में घूमता हुआ दिखता है। इसका कारण यह है कि हमारा मस्तिष्क उन घटनाओं को देखने का प्रयास करता है, जो वह सहज रूप से समझ सकता है, लेकिन कभी-कभी वह भ्रमित हो जाता है।
ऑप्टिकल इल्यूज़न के कुछ दृश्य केवल रंगों और आकारों के खेल पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए, “मूलर-लायर इल्यूज़न” में दो समान आकार की रेखाएँ दिखाई जाती हैं, लेकिन एक को लंबा और दूसरे को छोटा समझा जाता है। असल में, दोनों रेखाएँ समान लंबाई की होती हैं, लेकिन बाहरी आकार और रंग का प्रभाव दिमाग पर इस तरह पड़ता है कि हम उन्हें भिन्न-भिन्न समझते हैं।
also read ठंड पर अस्था भारी
दूसरी तरह का ऑप्टिकल इल्यूज़न “पैरेलल लाइन्स इल्यूज़न” है, जिसमें पैरेलल रेखाएँ एक दूसरे से अलग दिखती हैं, जबकि वास्तव में वे समानांतर होती हैं। इन प्रकार के इल्यूज़न का अध्ययन यह दर्शाता है कि हमारी आँखों और दिमाग के बीच लगातार संवाद होता है, और कभी-कभी यह संवाद भ्रमित हो सकता है।
इन ऑप्टिकल इल्यूज़नों से यह भी पता चलता है कि हमारी दृष्टि केवल आँखों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे दिमाग का भी इस पर गहरा प्रभाव होता है। यह हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को समझने में मदद करता है और दिखाता है कि हमारी सोच और परख कितनी जटिल और कभी-कभी भ्रमित करने वाली हो सकती है।
आखिरकार, ऑप्टिकल इल्यूज़न न केवल आंखों के खेल होते हैं, बल्कि यह हमारे मस्तिष्क के काम करने के तरीके और हमारे perception को समझने का एक दिलचस्प तरीका भी हैं।
Aditya Kinkar Pandey is a Since completing his formal education in journalism in 2008, he has built for delivering in-depth and accurate news coverage. With a passion for uncovering the truth, Aditya has become bring clarity and insight to complex stories. work continues to investigative journalism.