सरकारों के लिए सिरदर्द बन चुके साइबर ठगों की पूरी जमात लोगों को चूना लगाने के लिए नित नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। इनके सबसे अधिक शिकार ग्रामीण क्षेत्र के लोग हो रहे हैं, खासकर आदिवासी जिलों में लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस को लोगों को ठगों से बचने के लिए विशेष अभियान चलाना पड़ रहा है। अभी तक पुलिस ने 22 ऐसे तरीके ढूंढे हैं जिनसे साइबर ठग आपको चूना लगाते हैं।
इन 22 तरीकों से होते हैं साइबर ठगों के शिकार
हाल ही में साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से पूरे देश में लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। केंद्र सरकार ने इन साइबर ठगों से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है, पर इसके अलावा भी कई तरीकों से चूना लगाया जा रहा है। आइए जानते हैं साइबर क्राइम के उन तरीकों को:
किसी भी अनजान व्यक्ति का वीडियो कॉल अटेंड न करें; यह न्यूड वीडियो हो सकता है।
फर्जी क्रेडिट मैसेज – इसमें खातों में राशि आने की जानकारी दी जाती है, लिंक के साथ।
मोबाइल में अच्छी तरह से जांच करने के बाद एप इंस्टॉल करें, क्योंकि फर्जी लोन के नाम पर ठगी हो रही है।
गूगल पर सर्च कर हेल्पलाइन नंबर निकालने से पहले कई बार जांच करें; बड़ी संख्या में हेल्पलाइन नंबरों की वेबसाइट चल रही है।
लोन के लिए फर्जी फोन कॉल के जरिए आपसे दस्तावेज़ ले सकते हैं।
स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन से बचें, यह भी खतरनाक है।
अनजाने व्यक्ति से वाई-फाई से न जुड़ें; आपके मोबाइल के डाटा उड़ाए जा सकते हैं।
एसएमएस फारवर्डर, एपीके फाइल के ज़रिए फ्रॉड।
क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर फ्रॉड।
जीवनसाथी, डेटिंग ऐप के माध्यम से ठगी।
गांवों में घूमने वाले अनजाने लोग द्वारा ठगी।
ऑनलाइन खरीद इस समय जोरों पर है, बेहद सावधानी के साथ ऑनलाइन भुगतान करें।
फेसबुक या दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनजान व्यक्ति से सावधानी से जुड़ें; साइबर ठग फर्जी अकाउंट बना सकते हैं और आपके मोबाइल का डाटा उड़ा सकते हैं।
फेंक नोटिस या फेंक दस्तावेज़ मिलने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर जानकारी लें, उन्हें सूचना दें।
डिजिटल अरेस्ट – कोई फोन के जरिए यह कहे कि आपके खिलाफ नोटिस है और आपको गिरफ्तार किया गया है, घबराएं नहीं, बल्कि पुलिस को सूचना दें।
फोन कॉल के जरिए आपको सूचना मिले कि आपके नाम का पार्सल है और वह पार्सल आपके स्थान से किसी अन्य स्थान पर है, तो विश्वास न करें।
किसी भी अनजान जगह पर अपना मोबाइल चार्ज पर लगा कर दूर न जाएं; आपके मोबाइल की सारी सामग्री गायब की जा सकती है।
डिजिटल अरेस्ट क्या है
मोबाइल में अनावश्यक एप्लीकेशन को डाउनलोड करने से बचें।
एप्लीकेशन डाउनलोड करने से पहले जांच करें कि जिस एप्लीकेशन को डाउनलोड कर रहे हैं, क्या वह थर्ड पार्टी को डाटा बेचती तो नहीं है; अधिकतर एप डाटा बेचते हैं।
मोबाइल गुमने या चोरी होने के बाद मोबाइल नंबर को पुनः एक्टिवेट न कराएं, बल्कि दूसरी सिम अन्य नंबर के साथ लें और बैंक अकाउंट में मोबाइल नंबर बदलाव करें।
बिना किसी जांच के टेक्स्ट मैसेज में आए लिंक पर क्लिक न करें।
आपके रिश्तेदारों या अन्य पहचान के व्यक्ति की आवाज के जरिए आपसे निजी जानकारी ली जा सकती है। जब कोई भी निजी जानकारी मांगे, सावधान हो जाएं।

मंडला जिले में चलाया जा रहा है विशेष अभियान
मप्र पुलिस व्दारा पूरे प्रदेश में साइबर सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया जा रहा है आदिवासी जिला मंडला में 1 फरवरी से 11 फरवरी तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थलों में जाकर पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। समाचार पत्र और अन्य माध्यमों से लोगों तक संदेश पहुंचाया जा रहा है शनिवार को जिले के निवास में प्रेसवार्ता कर अलग अलग बिंदुओं पर जानकारी दी एसडीओपी पीएस बागरे ने कहा कि लोगों को मोबाइल की लत से बाहर निकलना बेहद जरूरी है एक क्लिक लोगो को ऐसी मुसीबत में डाल देता है जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बेहतर है सावधानी से मोबाइल को चलाएं।

Aditya Kinkar Pandey is a Since completing his formal education in journalism in 2008, he has built for delivering in-depth and accurate news coverage. With a passion for uncovering the truth, Aditya has become bring clarity and insight to complex stories. work continues to investigative journalism.