आधे अधूरे निर्माण से बूझेगी प्यास मार्च तक की है डेडलाइन

मंडला जिले में आधे अधूरे निर्माण को देखकर लोग सवाल उठा रहे हैं कि इस गर्मी में पानी की समस्या से निजात मिलेगी? गांवों में स्वच्छ पानी पहुंचाने का लक्ष्य समय पर पूरा होता नहीं दिख रहा है क्या ऐसे ही गांवों के लोगों की बूझेगी प्यास ?

एक पखवाड़ा पहले बैठक में मंत्री सम्पतिया उइके और मुख्य सचिव ने 15 मार्च तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके उल्ट जमीन में कुछ और दिख रहा है। अधूरी पड़ी पानी की टंकी हर गांव में दिख जाएंगी।

मंडला जिले में तीन अलग अलग एजेंसी पाइपलाइन और टंकी बनाने का काम कर रही है शहरी क्षेत्रों में जल बोर्ड, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में जलजीवन मिशन और पीएचई विभाग के जरिए कार्य किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार ज़हां पर पहले से ही नल-जल योजना संचालित है वहां पीएचई विभाग के देखरेख में कार्य हो रहे हैं। शेष गांवों में जलजीवन मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है।

गांवों में हुए आधे अधूरे निर्माण कब होंगे पूरे

मप्र सरकार में पीएचई मंत्री सम्पतिया उइके का गृह जिला है मंडला उसके बाद भी अधिकतर स्थानों में निर्माण आधे अधूरे पड़े हुए है। जिले के हर एक ब्लाक में स्थिति एक जैसी ही मिलेगी।

निवास ब्लाक में मौजूद पंचायतों में चल रहे कार्य को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्य की गुणवत्ता और गति कैसी है। कुछ पंचायतों में तो बीते दो साल से कार्य चल रहा है कहीं पानी की टंकी बन गई है तो पाइपलाइन नहीं बिछे हैं ज़हां दोनों कार्य हो चुके हैं वहां लोग पानी पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।

निवास जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली कटंगसिवनी पंचायत में 31 लाख .44 हजार की लागत से टंकी और पाइप लाइन के साथ दो बोरबेल खोदे जाने थे आज भी टंकी अधूरी पड़ी है पाइप लाइन भी अधूरी है बीते दो सालों से यंहा सीमेंटक इंफ्रा कंपनी का काम चल रहा है अधूरे काम को लेकर न जाने कितने 181 की शिकायत की गई है पर नतीजा सिफर ही रहा है। पीएचई विभाग की देखरेख में यंहा कार्य किया जा रहा है।

दूसरी तरफ सतपहरई पंचायत में आने वाले तीन गांवों में एक गांव के लिए टंकी अधूरी पड़ी है पाइप कुछ जगहों पर बिछाई गई है एक जगह पर कुछ काम हुआ फिर बंद हो गया है। यंहा के एक गांव चौरादादर के निवासी कई वर्षों से शुद्ध जल के लिये तरस रहे हैं

लंबे समय से एक कुंड से पानी की समस्या हल की जाती रही है बीते साल एक हेडपंप का खनन भी हुआ है जिनसे इनको कुछ सहूलियत तो मिली है गांव की महिला ने बताया कि अप्रैल के बाद तमाम कुंओ में पानी खत्म हो जाता है यह हेडपंप है देखते हैं इस बार इसमें पानी रहता है कि नहीं।

आधे अधूरे निर्माण पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का तंज

जिला मुख्यालय पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतूं पटवारी ने गांव गांव जल पहुंचाने के मामले में कहा है कि प्रदेश का एक गांव का नाम बताएं ज़हां शत-प्रतिशत काम हो चुका है। पीएचई मंत्री के गांव में अभी पानी घर घर नहीं पहुंचा है प्रदेश की यह सरकार सिर्फ तीन बातों पर ध्यान देती है क्राइम, क़र्ज़ और कमीशन

खर्च कम बचत ज्यादा के चक्कर में कंपनीयां

पाइपलाइन बिछा रही पीएचई विभाग की देखरेख वाली कंपनी हो या जलजीवन मिशन के तहत कार्य कर रहे लोग योजना में खर्च की जाने वाली राशि को हड़पने की जुगत में किसानों के खेत/बाड़ी के बीच से जल पाइप दबा दिया, ऐसा इसलिये कि रोड़ किनारे से पाइप डालने में बजट ज्यादा खर्च करना पड़ता, यही कारण है कि इन्होंने यू टर्न की रोड़ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पाइप बिछाने में न किसानों के खेत बाड़ी देखी और न ही लगी फसल पर ही रहम खाया। कोई नहीं जानता है कि पाइप किस स्टेंडर्ड के बिछाए जा रहे हैं। कहीं जिला में पानी पहुंचाने वाली इस योजना का हाल शौचालय निर्माण जैसा न हो जाए।

आधे अधूरे निर्माण से कैसे बूझेगी प्यास मार्च तक की है डेडलाइन

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