ग्राम पंचायतों की रीढ़ बने सहायक सचिव और मेट एक अप्रेल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं जिससे पंचायतों में होने वाले कार्य में बड़ा असर पड़ने वाला है मनरेगा योजना तो रोजगार सहायकों के बूते ही संचालित की जा रही है ऐसे में उनका काम को छोड़कर धरने में बैठना सरकार के लिए सिर दर्द साबित हो सकता है मंडला जिले के सभी ब्लाकों के रोजगार सहायक और मेट इस समय अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं
मेट और रोजगार सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय जैसे जैसे करीब आता जा रहा है वैसे वैसे कर्मचारी और सरकार के बीच खाई बढ़ती जा रही है बीते एक दो माह से प्रदेश के अलग अलग शासकीय कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं अब रोजगार सहायकों और मेटों का प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गया है मेट आठ मांगों के साथ हड़ताल पर उतरे हैं जिसमें सो कार्य दिवस की जगह पूरे वर्ष 365 दिन कार्य दिवस किया जाए , नियमित करने और मासिक मानदेय, पदोन्नति देने जैसी मांगे शामिल हैं वहीं रोजगार सहायकों का कहना है कि पंचायतों में संचालित हो रही अधिकतर योजनाओं को सफल हम बना रहे हैं चाहे प्रधानमंत्री आवास हो या मनरेगा पर सरकार हम लोगों को नजर अंदाज कर रही है। हम लोगों ने 31 मार्च तक का समय दिया था किन्तु सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण एक अप्रेल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं
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