बॉटब्रो के खिलाफ ईडी की कार्रवाई मंडला जिले में करोड़ों रुपए लगे हैं

फारेक्स ट्रेडिंग बॉटब्रो के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई करते हुए अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी की है।फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर उगाही कर रही कंपनी पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। जांच में 30 से अधिक खातों से 170 करोड़ की रकम सीज कर दी गई है। एक एजेंट के पास से मिली 90 लाख की राशी भी जप्त कर ली गई है।

बॉटब्रो के खिलाफ पीएमएल कानून 2002 के तहत कार्रवाई

भारतीय प्रवर्तन निदेशालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि क्यूएफएक्स टेड लिमिटेड और अन्य के मामले में चल रही जांच के दौरान चंडीगढ़ जोनल कार्यालय ने दिल्ली रोहतक नोएडा और शामली में तलाशी अभियान चलाया है। निदेशकों राजेन्द्र सूद ,विनित कुमार, संतोष कुमार, और मास्टर माइंड नवाब अली उर्फ लाविश चौधरी जो विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम चला रहे हैं। दरअसल हिमाचल प्रदेश की पुलिस व्दारा क्यूएफएक्स कंपनी के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थी जिसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू किया था।

क्यूएफएक्स समूह की कपनीयों के एजेंट क्यूएफएक्स में निवेश के लिए एमएलएम योजना चला रहे हैं जिसमें वेदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर उच्च दर का रिटर्न का वादा करते थे। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वेबसाइट / ऐप / सोशल मीडिया के जरिए विज्ञापन चलाया जा रहा है । कंपनी के निदेशकों और क्यूएफएक्स और वाईएफएक्स के कमीशन पर काम करने वाले विभिन्न एजेंटों ने साजिश रची और निवेशकों द्वारा कराए गए निवेश पर प्रतिमाह 5% रिटर्न के साथ जमा योजना चलाई।

जाच के दौरान यह पता चला कि हिमाचल पुलीस द्वारा मैसर्स क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद, क्यूएफएक्स योजना का नाम वाईएफएक्स में बदल दिया गया , क्यूएफएक्स के अलावा, नवाब अली उर्फ लविश चौधरी द्वारा बॉटब्रो, टीएलसी कॉइन, बार्कर एफएक्स जैसी अधिक धोखाधड़ी वाली निवेश योजनाएं संचालित करना शुरू किया निवेशकों को लुभाने के लिए भारत और विदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कंपनी के लोग तीन खातो में मिली राशी का जवाब नहीं दे सके हैं। जिसके कारण राशी सीज कर दी गई है

मंडला जिले में हजारों का लोगों का लगा है पैसा

बीते दो सालों से मप्र के मंडला जिला और इसके तमाम तहसील मुख्यालय में लोग बॉटब्रो नामक करेंसी ट्रेडिंग कंपनी पर तगड़ा रिटर्न के चक्कर में बड़ी रकम लगा चुके हैं। गैर कानूनी तरीके से चैन सिस्टम के जरिए लगातार रकम लगवाई जा रही थी। जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने सोसल मीडिया में फ़ैल रही जानकारी को पढ़ कर पैसा निकाल लिया है पर बहुत बड़ी संख्या में लोगों का पैसा इस कंपनी में लगा हुआ है।

विदेश जाने के लालच में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस कंपनी में निवेश कराया गया है। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि समय पर जमा राशी का ब्याज उन्हें मिल रहा है। जिले में बहुतेरे ऐसे लोग हैं जिन्होंने कर्ज लेकर इस कंपनी में पैसा लगाया है। कुछ एजेंटों ने तो अपने तगड़े कमीशन के चक्कर में लोन दिलाई और उनका पैसा इस कंपनी में लगवाया है। इस कंपनी में पैसा लगा चुके लोगों का पैसा फिर डूबेगा या समय पर मिल जाएगा कोई नहीं जानता है। अगर सीज किए गए खातों में राशी जमा हुई है तो तुरंत प्राप्त करना मुश्किल है।

also read चिटफंड कंपनी

This website uses cookies.