मध्यप्रदेश में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, ज़हां प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है पोस्टमार्टम के लिए एक महिला के डीकम्पोस्ड शव को उसके परिवार वालों के साथ ट्रैक्टर में 100 किमी तक ले जाया गया। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिला चिकित्सालय में शवगृह में जगह न मिलने के कारण खुले आसमान के नीचे शव रखा रहा वहीं परिवार को पेड के नीचे रात गुजारनी पड़ी।
पूरा मामला मंडला जिले का है बुधवार को जिले की मवई थाना पुलिस ने एक पखवाड़ा पहले दफ़न किए महिला रतनी बाई उम्र 50 वर्ष के शव को एसडीएम से इजाजत लेकर बाहर निकाला दरअसल मृतिका एक कार्यक्रम के लिए रिस्तेदारो के घर गई थी ज़हां उसकी मौत हो गई थी परंपरानुसार उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था बाद में भाई और पति ने पुलिस में हत्या की शिकायत की थी। जिसके बाद पुलिस ने मृग कायम कर कार्रवाई शुरू की।
अमानवीय चेहरा:ट्रेक्टर में खुले आसमान के नीचे सारी रात रखा रहा शव
स्वर्णिम प्रदेश के इस आदिवासी जिले में जिंदा को छोड़िए मुर्दों को भी सुकून नहीं है जिसके वे हकदार हैं। जानकारी के अनुसार जमीन में दफन शव को बाहर निकलवाने के बाद जब वाहन की व्यवस्था नहीं हुई तो आनन-फानन में ट्रेक्टर से महिला के शव और उसके परिजनों को मवई से बिछिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोस्टमार्टम के लिए भेजा
इस स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण मंडला जिला स्वास्थ्य केंद्र भेजा दिया गया। ट्रेक्टर में सौ से अधिक किमी पार कर जब जिला मुख्यालय पहुंचे तो यंहा के शव ग्रह में शव को जगह नही मिली सारी रात शव खुले आसमान के नीचे रखा रहा और परिजन पेड़ के नीचे बैठकर रात बीतने का इंतजार करते रहे।
गंभीर मामले में जिम्मेदारों के तर्क
पूरे मामले में सीएस डॉ विजय का कहना है कि टीम बनाकर शव का पोस्टमार्टम किया गया है उनके संज्ञान में नहीं था वरना वाहन की व्यवस्था जरुर कराते। अगर यह सच है तो फिर लौटते वक्त शव को दूसरे वाहन में क्यों नहीं भेजा गया परिवार वाले शव को ट्रेक्टर में शव क्यों लेकर गए जबकि जिला मुख्यालय में शव वाहन मौजूद हैं।
दूसरी तरफ मप्र सरकार में पीएचई मंत्री और मंडला विधायक सम्पतिया उइके ने कहा कि बिछिया विधायक नारायण पट्टा को तत्काल वहां शव वाहन उपलब्ध कराना चाहिए अगर वो उपलब्ध नहीं कराएंगे तो हमारी सरकार आने वाले दिनों में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन उपलब्ध कराएगी। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
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