जनसुनवाई में बदलाव, कलेक्टर के साथ बैठ बता रहे समस्या

जनसुनवाई में इन दिनों कलेक्टर ने बड़ा बदलाव कर दिया है जिसके चलते यहां का नजारा ही बदल गया है यहां पर लोग अब खड़े होकर आवेदन नहीं देते बल्कि उन्हें बराबर से बिठाकर समस्या को सुना जाता है ऐसा करके कलेक्टर ने उन अधिकारियों और कर्मचारियों को संदेश दिया है कि लोगों से किस तरह से बर्ताव करें।

कलेक्टर के साथ बैठ बता रहे समस्या

एक दौर था जब दफ्तर के किसी बाबू से बात करने में ग्रामीणों के शरीर कांपने लगते थे वो समस्या बताने तो जाता था लेकिन अंर्तमन से खुद को ही समस्या मान बैठता था। बदलते वक्त के साथ बेशक चीजें बदली और लोग बेहिचक अपनी समस्या को जाहिर करने लगे सरकार और उसके आला अधिकारियों ने मिलकर बीते दो दशक में ऐसा माहौल बदला है कि अब लोगो के अंदर न तो झिझक रही है न ही डर

आदिवासी जिला मंडला में कलेक्टर ने एक और ऐसा कदम उठाया है जिससे वो न सिर्फ चर्चा में हैं बल्कि लोगों का दिल भी जीत लिया है दरअसल कलेक्टर सलोनी सिडाना ने पदभार संभालने के साथ ही सप्ताह में होने वाले जनसुनवाई में आए लोगों को अपने बराबर से बैठाकर उनकी समस्या सुनने की शानदार पहल की है छोटे से गांव से जिला मुख्यालय पहुंचने वाला कोई ग्रामीण कभी यह नहीं सोचा होगा कि वह कलेक्टर के साथ बैठकर बात कर सकता है।

जनसुनवाई का बदला माहौल

आदिवासी जिला के मंडला में होने वाले जनसुनवाई का माहौल बदल गया है अब यहां पर पहुंचने वाले आवेदक खड़े होकर अपनी बेबसी दिखाते या परेशान होते नहीं दिखेंगे बल्कि कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ बैठकर अपनी समस्या को बेबाकी से बताते नजर आ रहे हैं बीते माह जिले में सलोनी सिडाना ने पदभार संभाला और जिला मुख्यालय में होने वाले जनसुनवाई में सबसे पहले यह बदलाव कर दिया है जब इस तरह से कोई बड़ा अधिकारी समस्या को सुनता है तो परेशान व्यक्ति के मन से आधी समस्या उसे मिले सम्मान से वैसे ही समाप्त हो जाती है

जनसुनवाई में पहुंची एक महिला का कहना था कि पहली बार इतने बड़े अधिकारी ने साथ में बिठाया और हमसे बात की इससे अपनेपन का अहसास हुआ वहीं कलेक्टर सलोनी सिडाना कहती हैं कि लोग गर्मी में इतने दूर दूर से अपनी समस्या को लेकर आते हैं और परेशान होते हैं और हम लोग पंखे के नीचे बैठे रहते हैं जो हम कर रहे हैं यह एक महत्वपूर्ण इंसानी जरूरत है जिसका हक सभी को है हमने जो देखा है वहीं कर रहें हैं।

ब्लाक में मौजूद अधिकारियों को संदेश

 यूनुस ग़ाज़ी ने लिखा है कि दौलत शोहरत आनी जानी फिर इस पर इतराना क्या पानी पर ये नाम लिखा हो ऐसा भी हो सकता है कलेक्टर सलोनी सिडाना का कुछ ऐसा ही संदेश जिले में मौजूद अन्य अधिकारियों के लिए है कि अपने पद और प्रतिष्ठा को बगल में रखकर जिनके लिए काम करने का मौका मिला है सबसे पहले उन्हें प्राथमिकता देना सीखो। 
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