Kanha National park:2025 में हर माह एक बाघ की मौत

Kanha National park में इस वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च के माह में अब तक तीन बाघों की मौत हो चुकी है पहले 28 जनवरी को इसी बीट में मादा बाघ का शव मिला था, दूसरे शव 18 फरवरी को मिला था जबकि तीसरा शव 2 मार्च को मिला है सभी मौतों पर पार्क प्रबंधन ने आपसी संघर्ष की बात कही है। बाघों के आपसी संघर्ष को लेकर विशेषज्ञ कुछ कारण इंगित करते हैं।

Kanha National park आपसी संघर्ष में फिर एक बाघ की मौत

कान्हा में 2 फरवरी को फिर एक नर बाघ का शव मिला है। बीते माह में यह तीसरा बाघ है जिसका शव मिला है हालांकि पार्क प्रबंधन व्दारा तीनों ही मौत का कारण आपसी संघर्ष बताया गया है।

कान्हा टाइगर रिजर्व के कक्ष क्रमांक 319 बीट पटुवा, वृत पटुवा, वन परिक्षेत्र सूपखार में गस्ती दल को बाघ का शव मिली जिसकी पहचान टी 199 थी इसकी उम्र 4-5 की थी सुचना मिलने के बाद एनटीसीए नई दिल्ली एवं कार्यालय मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक मध्यप्रदेश भोपाल से जारी दिशा निर्देश  के अनुसार घटना स्थल को सुरक्षित किया गया डॉग स्क्वाड की सहायता से घटना स्थल एवं उसके आस-पास छानबीन की गई।

दो सदस्यीय डॉ की समिति ने पोस्टमार्टम किया पोस्टमार्टम के बाद बताया गया कि नर बाघ के शरीर के सभी अंग सुरक्षित पाये गये। बाघ की मृत्यु का प्रथम दृष्ट्या कारण बाघो के आपसी संघर्ष में जबड़े की नीचे की हड्डी टूटने से प्रतीत होती है। बाघ को निर्धारित प्रक्रिया अनुसार शवदाह किया गया है और वन अपराध प्रकरण दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही जारी है। पार्क प्रबंधन के अनुसार पोस्टमार्टम प्रक्रिया और अन्य जांच करते समय वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई है।

बाघों में किस कारण बढ़ रहे संघर्ष

आवासीय क्षेत्र का सिकुड़ना: वन्यजीवों के आवास में कमी के कारण बाघों का क्षेत्र सीमित हो जाता है, जिससे उनके बीच संसाधनों (जैसे शिकार और पानी) के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। यह संघर्ष की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

क्षेत्रीय संघर्ष: बाघों में क्षेत्रीयता (territoriality) का व्यवहार होता है। प्रत्येक बाघ अपनी प्रजाति के अन्य बाघों से अपना क्षेत्र बचाने के लिए संघर्ष करता है। यह क्षेत्रीय संघर्ष कभी-कभी हिंसक रूप ले सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मौतें हो सकती हैं।

जनसंख्या का अत्यधिक दबाव: यदि पार्क में बाघों की संख्या अधिक हो जाए, तो वे आपस में अधिक भिड़ते हैं। अधिक संख्या में बाघ होने पर संसाधनों का वितरण सही से नहीं हो पाता, और यह संघर्ष को बढ़ावा देता है।

प्रजनन के कारण संघर्ष: बाघों में प्रजनन के समय भी संघर्ष बढ़ सकते हैं, विशेष रूप से मादा बाघ के लिए पुरुष बाघों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है।

मानव हस्तक्षेप: इंसानी गतिविधियाँ जैसे जंगलों की अतिक्रमण, शिकार, या वन्यजीव संरक्षण नीति का सही तरीके से पालन न करना भी बाघों के बीच तनाव और संघर्ष का कारण बन सकता है।

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