एक मच्छर आदमी को –Word maleria day

एक मच्छर आदमी को — पढ़कर लगा होगा कि फिल्मी डायलॉग लिख दिया गया पर हकीकत यह है कि एक मच्छर आदमी को श्मशान पहुंचा देता है। विश्व मलेरिया दिवस के लिए एक खास रिपोर्ट जिसमें प्रभावित और मरने वालों की आंकड़े हिला सकते हैं दुनिया में हजारों किस्म के मच्छर पाये जाते हैं, पर भारत में दो प्रकार के मच्छर लोगों के लिए ख़तरनाक है। पूरी दुनिया में तीन अरब से ज्यादा लोगों को मच्छर प्रभावित करते हैं विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को है इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ दुनिया के तमाम देश मिलकर मच्छरों और उनसे प्रभाव को लेकर जनजागृति अभियान चलात हैं। Word maleria day

विश्व मलेरिया दिवस कब से मनाया जा रहा है

मच्छर और उससे होने वाले रोगों को आम लोग बेहद हल्के में लेते हैं पूरी दुनिया में करोड़ों लोग इनसे प्रभावित होते हैं प्रभावित होने वाले लोगों की तादाद इतनी बड़ी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को सभी देशों को साथ लेकर आम लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वर्तमान में पूरे विश्व में लगभग 106 देशों की जनसंख्या में लगभग 3.3 अरब लोग मलेरिया से प्रभावित हैं। मलेरिया रोग के नियंत्रण, उन्मूलन एवं जन जागरुकता हेतु वैश्विक स्तर पर विश्व मलेरिया दिवस मनाने की शुरुवात 25 अप्रैल 2007 से की गई है। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को ’’विश्व मलेरिया दिवस’’ के रुप में मनाया जाता है। इसमें आवश्यक है कि हम मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी को लेकर जागरुक रहें। नर मच्छर की उम्र महज आठ से दस दिनों की होती है जबकि मादा मच्छर की उम्र आठ से दस सप्ताह तक हो सकती है।

मच्छरों के प्रकार

पूरी दुनिया में हजारों किस्म के मच्छर पाये जाते हैं, जो बहुत से वायरस एवं परजीवी के वाहक होेते हैं ये अलग अलग बीमारियों को फैलाने का कार्य करते हैं। प्रत्येक मच्छर के प्रकार के आधार पर इनका स्वभाव एवं व्यवहार समय एवं वातावरण के आधार पर अलग-अलग होता है। मच्छरों की मनुष्य एवं जानवरों को काटने की प्राथमिकता भी अलग-अलग होती है। कुछ मच्छर दिन में काटते हैं, तो कुछ रात में, कुछ सायं के झुरपुटे वातावरण में। इनमें से मादा एनाफिलीज मच्छर मलेरिया परजीवी को फैलाने का कार्य करता है।
मलेरिया परजीवी भारत में मुख्यतः दो प्रकार के पाये जाते हैं – प्लाज्मोडियम वाइवेक्स एवं प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम, जिसे मस्तिष्क ज्वर मलेरिया परजीवी के नाम से भी जाना जाता है, जो सर्वाधिक खतरनाक होता है। एनाफिलीज मच्छर की विश्व में 58 से भी ज्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं। मादा एनाफिलीज को नाईट बाइटिंग मच्छर भी कहा जाता है, जो सामान्यतः सायं एवं भोर बेला के बीच काटता है। यह मच्छर रुके हुए साफ पानी में अंडे देता है। अंडे से मच्छर 9 से 11 दिवस में बन जाता है।

ये है उपाय

यह आवश्यक है कि घरों के आस-पास सफाई रखें। अनावश्यक पानी जमा न होने दें। घरों की छत पर रखे अनुपयोगी वस्तुएं जैसे- डब्बे, फूलदान, टायर, बर्तन इत्यादि की सफाई करें, उन्हें इस प्रकार रखें कि उनमें पानी जमा न हो पाये। पानी के बर्तन ढक्कर रखें। यह आवश्यक है कि सोने के लिए हम मच्छरदानी का उपयोग करें, घरों में मच्छर निरोधक जालियाँ, मच्छर निरोधी क्रीम, क्वाईल का उपयोग करें। अपने घरों में मच्छर निरोधक पौधे जैसे- लेमनग्रास, लहसुन, लेवेण्डर, गेंदा, तुलसी, सिट्रोनेला इत्यादि लगावें। जिले में 49207 रोगियों की जाँच की गई, जिसमें मलेरिया के कोई लोकल केस नहीं हैं। जैसा कि आपको विदित है कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। अतः बुखार आने पर तत्काल खून की जाँच करावें और अगर जाँच में मलेरिया पॉजिटिव निकलता है तो चिकित्सक, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, आशा द्वारा दिये गये पूर्ण उपचार लेवें।

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