आदिवासी कला और संस्कृति अपने आप में अदभुत है आदिवासी में धीरे धीरे लुप्त होती संस्कृति और उसकी कला को निखारने के लिए स्थानीय प्रशासन जोर शोर से लगा हुआ है इसी का परिणाम है कि आदिवासी जिला में प्रचलित गौडी पैटिग ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है अंतरराष्ट्रीय स्तर में अपनी खास पहचान बनाने के चलते इस गौडी पेंटिंग को अतंर्राष्ट्रीय जीआई टैग मिल गया है।
मंडला की गौडी पैटिंग का नया मुकाम
मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला मंडला की गौडी पैटिंग अतंर्राष्ट्रीय स्तर में अपनी एक नई पहचान बना चुकी है यही वजह है कि इसे भौगोलिक पहचान मिल गई है कभी मंडला जिले में ये कला लुप्त होने की स्थिति में थी, दो साल पहले इस कला को लेकर प्रशासन ने पहले करते हुए सबसे पहले रेशम की साड़ी पर गोंड़ी कला को बनवाने से हुई। धीरे-धीरे पैमाना बढ़ाते हुए जिले में लगभग 80-100 कलाकार इस कला में निपुण हैं।
डायरी, बुकमार्क, चाबी का छल्ला, बैग, फ्रिज मैगनेट इत्यादि उत्पाद बनाकर विक्रय कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि हुई है। इन उत्पादों को इंस्टाग्राम के माध्यम से मार्केटिंग किया जा रहा है और देश के विभिन्न राज्यों से ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं। जिले के गोंड़ी पेंटिंग उत्पादों की बिक्री आईआईएम अहमदाबाद जैसे प्रसिद्ध संस्थान में भी की गई थी, जहां इस कला की काफी प्रशंसा हुई।
जिला प्रशासन मंडला द्वारा वर्तमान में भी गोंड़ कला को बढ़ावा देने के लिए कार्यशैली तैयार की जा रही है और जीआई टैग में आर्टिस्ट्स का रजिस्ट्रेशन करवाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की गई है। गोंड़ी पेंटिंग को बढ़ावा देने के लिए जिले के विभिन्न विभाग जैसे- खादी ग्रामोद्योग, रेशम, नाबार्ड एवं जिले में पदस्त एमजीएन फेलो का विशेष योगदान रहा है।
क्या है जीआई टैग
दरअसल जीआई टैग को अंग्रेजी में geographical indication tag कहा जाता है जिसका हिन्दी भौगोलिक संकेत कहा जाता है जो किसी क्षेत्र विशेष के उत्पाद को दी जाती है जो गुणवत्ता और क्षेत्र की विशेषता लिए हो रही वजह है कि ऐसे उत्पाद की उत्पत्ति को भौगोलिक कारण मानते हुए यह टैग दिया जाता है
Aditya Kinkar Pandey is a Since completing his formal education in journalism in 2008, he has built for delivering in-depth and accurate news coverage. With a passion for uncovering the truth, Aditya has become bring clarity and insight to complex stories. work continues to investigative journalism.