चुनाव में अब नहीं कर पाएंगे फर्जी मतदान इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने नई तरह की तैयारी कर ली है जल्द ही मददाताओं के पास क्यूआर कोड वाले परिचय पत्र होगें भारत के किसी न किसी राज्य में कभी न कभी चुनाव होते रहते हैं ऐसे में कहा जा सकता है कि देश में चुनाव सतत चलने वाली प्रक्रिया है इसको लेकर केंद्र और राज्यों के चुनाव आयोग लगातार तैयारी करते हैं इसके साथ ही हर चुनाव में फर्जी मतदान को केसे रोके इसके भी लगातार प्रयास करता रहा है जानकारी लग रही है कि दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु कर्नाटक सहित कई राज्यों में जुलाई माह में ही क्यूआर कोड युक्त मतदाता परिचय पत्र देने का फैसला हो गया थाऔर चुनाव में इस्तेमाल भी हुआ है उसके बाद अब उत्तरप्रदेश में भी इस नीति को लागू किया जा रहा है प्रदेश के अमेठी में सबसे पहले इसे लागू किया जा रहा है यहां के मतदाताओं को क्यूआर कोड वाले मतदाता परिचय पत्र मिलना शुरू हो गया है उसके बाद औरैया और दूसरे जिलों के साथ पूरे राज्य में वितरित होंगे
आने वाले आठ माह बाद देश के तीन राज्यों मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां पर होने वाले चुनाव से पहले चुनाव आयोग के व्दारा क्यूआर कोड वाले मतदाता परिचय पत्र लोगों को दे दिया जाए हर चुनाव में बोगस वोटिंग कराने का आरोप राजनैतिक दलों व्दारा एक दूसरे पर लगाया जाता रहा है सबसे ज्यादा मृत हो गए लोगों के नाम से फर्जी वोटिंग करने का आरोप लगता रहा है ऐसे में यह तकनीक इस समस्या से जरूर निजात दिलाने में सफल हो सकेगी क्यूआर कोड के परिचय पत्र मिलने के बाद मतदान केंद्र में स्केनर लगाया जाएगा मतदाता अपने परिचय पत्र को स्केन करेगा उसके बाद मतदान करने को मिलेगा क्यूआर कोड स्कैन करने पर मतदाता का बूथ, गांव, तहसील, पिनकोड व जिला आदि विवरण सामने आ जाएगा। इससे अफसरों व सभी पार्टियों के एजेंटों की मौजूदगी में बूथ पर ही सही व गलत का निर्णय हो सकेगा। क्यूआर कोड वाले मतदाता परिचय पत्र डाक विभाग के माध्यम से पहुंचाया जा जाता है जो नए मतदाता रिजिस्टर हो रहे हैं उनको क्यूआर कोड वाले परिचय पत्र ही मिल रहै है
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