बैठको में उलझी योजनाऐ मोह हो रहा भंग
मंडला / एक समय में जिस योजना ने क्षेत्र की तश्वीर बदली थी आज उसका बुरा हाल हो चुका है एक दशक से ज्यादा समय तक इस योजना के सहारे आदिवासी जिलों में पलायन को रोका गया जिले से लेकर जनपद तक सप्ताह में बैठक कर योजना की जानकारी में सब कुछ सिमट सा गया है निर्देश भी मौखिक और उसका पालन भी मौखिक है अभी तक किसी ने यह जहमत नही उठाई कि आखिर जो काम बोझ की तरह डाल कर करवाया जा रहा है वे काम इन सरपच सचिवो के गले की हड्डी बन ग ए है बीते दस माह से मनरेगा का भुगतान सप्लायरों को नही हुआ है जो नाडेफ , जेसे छोटे छोटे कार्यो में सामग्री दिए थे कमाल यह है कि अचानक मनरेगा योजना के बडे बडे कार्य स्वीकृत हुए और कुछ जगह काम भी हुए उनके भुगतान जिले से ताबडतोड कर दिए ग ए जिससे साफ है कि मनरेगा योजना को पंचायत से निकाल कर ठेकेदारी में डाला गया
धान की कटाई की वजह से पचायतों के गांवो में फिलहाल कार्य ना के बराबर चल रहे है दूसरी तरफ सरपच सचिव नया कार्य शुरू नही कर रहे है सरपंचो का कहना है दस माह पहले के भुगतान शेष है फिर नया कार्य शुरू कर अपनी गर्दन केसे फंसा ले वही जिले के अधिकारी काम ज्यादा शुरू न होने के कारण इंजीनियरो और मनरेगा के जिम्मेदारों पर गाज गिरा रहे हैदूसरी योजनाऐं क ई पंचायतों के लिए खाबाबनी के लिए है भौकाल न्यूज आने वाले दिनों में ऐसे क ई पंचायत की सूची जारी करेगा जिंन्होंने टीवी टेबिल कुर्सी जेसे दर्जनो सामग्री के फर्जी बिल लगा कर योजनाओ का दिवाला निकाला है
जिले का ऐसा कोई ब्लाक नही जंहा कि पंचायतों में यह खेल न हुआ हो
Aditya Kinkar Pandey is a Since completing his formal education in journalism in 2008, he has built for delivering in-depth and accurate news coverage. With a passion for uncovering the truth, Aditya has become bring clarity and insight to complex stories. work continues to investigative journalism.