मध्यप्रदेश में विद्युत मंडल कर्मचारीयों के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा व्यापक असर दिखा है वहीं इतने बड़े स्तर के प्रदर्शन की जानकारी के बाद भी विभाग व्दारा कोई तैयारी न करने पर बड़े सवाल उठ रहे हैं प्रदेश के आदिवासी जिला मंडला के सबसे पुरानी तहसील और नगर परिषद में तीस घंटों से ज्यादा से विद्युत व्यवस्था चौपट है निवास नगर परिषद के कई वार्डों के लोग मंगलवार की पूरी रात अंधेरे में गुजारे सिर्फ स्ट्रीट लाइट जलती रही तो बुधवार का पूरे दिन बीतने के साथ शाम होने तक विद्युत सेवा बहाल नहीं सकी थी विभाग के एई सुदीप सिंह का कहना है कि कल बस स्टेड तिराहे के पास फाल्ट आया था जो सुधर नहीं पाया था चूंकि कर्मचारी हड़ताल पर थे स्टाप कम होने के चलते सुधार कार्य प्रभावित हुआ है दोपहर में हड़ताल खत्म हो गई है सुधार कार्य जारी है पूरे मामले में विद्युत विभाग की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है कर्मचारियों की हड़ताल इक्कीस जनवरी से चल रही थी किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी करने की वजाय पूरा स्टाफ अपने ही हड़ताली कर्मचारियों की मदद में लगा रहा है मीडिया के आठ से ज्यादा लोग दोपहर दो बजे अधिकारी से मिले थे तब भी अधिकारी ने दो लोगों व्दारा विद्युत सुधार किया जा रहा है कि जानकारी दी गई थी जबकि नगर परिषद क्षेत्र में पानी सप्लाई बोरबेल से ही होता है जो विद्युत न होने से प्रभावित हुई है इसको लेकर सीएमओ ने कहा कि विकल्प तलाश रहे हैं
दिखा अनोखा नजारा – शाम होते ही कुछ घरों के बच्चे जिनके घर के पास स्ट्रीट लाइट चालू थी उसके उजाले में पढ़ते दिखे देखकर लगा मानो पच्चास साल पुराने हाल में नगर पहुंच गया हो
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