मनरेगा योजना अब गरीबों के मदद के लिए नहीं बची है बल्कि यह योजना विभागों के बड़े खेल के लिए मुफीद कर दी गई है बीते दो साल में हुए कामों को देखने से पता चलता है कि इस योजना के तहत जो बड़े बड़े काम स्वीकृत किए गए वो सिर्फ पैसा कमाने का जरिया था स्टाप डेमों से लेकर सड़क तक सिर्फ इनके बनने वाले स्थलों का निरिक्षण करें तो साफ पता चलता है केसे आंख मूंदकर स्वीकृत किया गया है पंचायतों में कूप निर्माण से लेकर वो छोटे छोटे कार्य जो गरीबों के लिए मददगार हुआ करते थे उन्हें दरकिनार कर दिया गया है जो भी राशी जनपद तक पहुंच रही है उसका भुगतान बड़े कामों में ही हो रहा है
सड़क का निर्माण किसी भी हाल में हो इसलिए नक्सा खसरा में फेरबदल कर दिया गया स्वीकृति से पहले डीपीआर किसने बनाया कोई नहीं जानता मनरेगा अधिनियम कहता है कि अगर पहले काम हो चुका है तो दस वर्ष तक उस स्थान में कोई काम नहीं हो सकता तो आखिर केसे दुबारा स्वीकृत किया गया यह बडा सवाल है विभाग के इसी खेल से परेशान होकर निवास जनपद क्षेत्र के मझगांव पंचायत के किसानों ने एसडीएम कार्यालय में शिकायत किया है कि आरईएस विभाग व्दारा उनके खेतों के बीच से ग्रेवल रोड निकाली जा रही है किसानों का कहना है कि कि आठ परिवारों के तकरीबन बीस एकड़ खेत हैं जिसके बीच से यह रोड निकाली जाएगी तो उन्हें बहुत ज्यादा नुक्सान होगा , पटवारी व्दारा दिए गए नक्शे से अलग विभाग पैसा बचाने के चक्कर में खेतों के बीच से रोड बना रहा है विभाग के डीपाआर और कार्य स्वीकृत पत्र साफ गवाही दे रहा है कि रोड का निर्माण निजी भूमि में नहीं किया जाएगा पूरे मामले में एसडीएम ने कार्य को रूकवाकर आर ईएस विभाग से बात किया है सूत्र बताते हैं कि आरईएस विभाग से साफ पूछा गया कि क्या इन किसानों को मुआवजा दिया गया है जो खेतों के बीच से रोड बनाई जा रही है वहीं आरईएस विभाग के एसडीओ कुरेशी का कहना है कि विभाग ने कार्य शुरू कराया था एसडीएम के आदेश पर काम बंद करा दिया है स्थल निरीक्षण कराया जाएगा हालांकि वहां पंचायत ने पांच साल पहले काम कराया है सवाल यह है कि एसडीओ को नहीं पता था कि रोड निजी जमीन में बन रही है या शासकीय क्या नक्शे के बिना ही पूरा खेल शुरू किया गया अगर यह रोड नहीं बनी तो जो भी राशी खर्च हुई है वो पानी में बही मानी जाएगी आरईएस विभाग इसका ठीकरा किसके सिर पर फोड़ने वाला है
Aditya Kinkar Pandey is a Since completing his formal education in journalism in 2008, he has built for delivering in-depth and accurate news coverage. With a passion for uncovering the truth, Aditya has become bring clarity and insight to complex stories. work continues to investigative journalism.