79 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान योजना

शुक्रवार को मंडला कलेक्टर ने प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की समीक्षा बैठक की उन्होंने सभी विभाग प्रमुख अधिकारियों को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान योजना के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। देश में जनजाति क्षेत्र में विकास को लेकर केंद्र सरकार व्दारा सितंबर माह में केंद्रीय केबिनेट से पास प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान योजना लाया गया इसके अंतर्गत मंडला जिले के 716 जनजाति क्षेत्रों के गांवों के विकास हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क, बिजली, पानी और आजीविका के क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अभियान में केन्द्र सरकार के 17 मंत्रालय/विभाग अपनी सेवाओं/सुविधाओं से जनजातीय समुदाय को जोड़कर इनके विकास में अतिरिक्त सक्रियता से कार्य कराएंगे।

प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान हेतु मंडला कलेक्टर ने मांगा प्रस्ताव

कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बैठक में कहा कि इस प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत जनजाति क्षेत्रों में बहुउद्देश्यीय विपणन केन्द्र ,आवासीय विद्यालयों में सुधार स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण , साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे बनाए जाएंगे। अभियान के तहत मंडला जिले के क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्र, आयुष्मान कार्ड, छात्रावास, आश्रम शाला, बिजली, पानी, सड़क, जल जीवन मिशन, पोषण वाटिका का निर्माण व प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में ग्रामीण विकास, जलशक्ति, विद्युत, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, महिला और बाल विकास, शिक्षा, आयुष, कौशल विकास और उद्यमिता, इलेक्ट्रानिक्स विकास और सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, पंचायती राज, पर्यटन तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय सहित दूरसंचार, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग को अपनी विभागीय सेवायें देने शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम अभियान  की समीक्षा

सितम्बर 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने देशभर में जनजातीय समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भारी-भरकम बजट के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी। योजना पर कुल 79156 करोड़ रुपये खर्च आएगा जिसमें से केंद्र सरकार 56333 करोड़ रुपये देगी जबकि 22823 करोड़ रुपये राज्यों की हिस्सेदारी होगी। इस योजना से पांच करोड़ आदिवासियों को लाभ होगा।
इस योजना के तहत मध्यप्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखण्डों के 11 हजार 377 जनजातीय गांवों को योजना का लाभ मिलेगा वही देश के 63 हजार गांव शामिल किये जायेंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय आबादी को लाभ मिलेगा

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