जनप्रतिनिधीयों के खिलाफ बढता आक्रोश

स्थानिय नेताओं की खामोशी आग में घी का काम कर रही

मंडला / निवास
क्षेत्र का लगातार विकास से दूर होने का दर्द अब युवाओ के आक्रोश के रूप में सोसल मीडिया में बाहर आ रहा है निवास में सिविल अस्पताल की मांग लगातार होती रही है जिसको लेकर कई बार प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधीयों तक को सौंपा गया है पर यंहा मौजूद दोनो ही दल भाजपा काग्रेस के जनप्रतिनिधियों व्दारा विकास के मुद्दे पर खामोश रहने की रणनीति इन युवाओं और क्षेत्र की जनता को चिडाने का काम करने लगी है सोसल मीडिया में लेटर हेड डलवाकर ये राजनैतिक जमीन पर काम को उतारने की कला में फिसड्डी साबित हुए है बीते दशक में क्षेत्र को सौगात देने की वजाए छिना गया है अगर कुछ मिला भी तो उसे जमीन में होने से पहले व्यक्तिगत राजनीति के कारण निरस्त करा दिया गया जलसंसाधन विभाग से लेकर राजस्व राजिस्टार तक का उठना यंहा कि राजनैतिक गिरावट की बडी वजह ही कही जाएगी . यंहा से उठे विभागों को आम लोगों के व्दारा सोसल मीडिया में लगातार विरोध के बाद भी दूबारा स्थापित नही किया जा सका है / एक दिन पहले डिंडोरी जिले के शहपुरा में सीएम ने सिविल अस्पताल की घोषणा की जिसकी जानकारी लगते है सोसल मीडिया में प्रतिक्रिया शुरू हो ग ई सिविल अस्पताल के मांग के विषय में हमने जमीनी हकीकत जानी कि आखिर इस विषय में कोई पत्र व्यवहार हुआ है भी या नही निवास ,अस्पताल की बीएमओ ने बताया कि आक्टूबर माह में भोपाल से मेल के जरिए आईपीडी और ओपीडी संख्या की जानकारी मांगी गई थी उक्त संबध की जानकारी एक सप्ताह के बाद भोपाल भेज दी ग ई थी बीएमओ की बात अगर सही है तो मामला भोपाल में प्रोसेस में है अब ये प्रक्रिया निवास या जिले में सीएम कार्यक्रम कराकर घोषणा के रूप में पूरी होगी या इसे ठंडे बस्ते में जाएगा

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