यंहा दल दल की होती है पूजा

संतान सुख की प्राप्ति के लिए पंहुचते है लोग

मंडला

कहते हैं प्रेम और आस्था पर किसी का जोर नहीं ये मन ज़हां लग जाए वही रब का धाम हो जाए भारत आस्थाओं और मान्यताओं का देश है यहां के लोग कब किस चीज में अपनी आस्था जताने लगे ये कोई नहीं जानता ऐसी ही एक मान्यता मंडला जिले के नैनपुर विकासखंड में देखने को मिलती है ज़हां लोग किसी प्रतिमा की पूजा नहीं करते बल्कि यहां दलदली जमीन की पूजा होती है यहां पर लोग बड़ी तादाद में पंहुचते है लोगों की मान्यताएं हैं कि यहां पर आने से संतान सुख की प्राप्ती होती है.दरअसल यंहा एक मंदिर है जिसे दलदली माता के नाम पर जाना जाता है
मंडला जिले के नैनपुर ब्लाक के जेवनारा पंचायत में दलदली माता का पुराना मंदिर है.यहां की अधिकांश मिट्टी दलदली होने से पानी भरा हुआ है.प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दलदली माता यहीं से प्रकट हुई हैं.जिससे इस स्थान को दलदली माता कहा जाता है.संतान प्राप्ति के लिए यहां पहुंचे लोगों द्वारा मंदिर के सामने लगे दलदल भरे पानी की पूजा की जाती हैं. फिर मंदिर के बगल में स्तिथ पालने के सामने बैठकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी जाती है.मन्नत पूरी होने पर लोग अपने संतान के साथ पहुंचते हैं और माता पर प्रसाद चढ़ाते हैं. लोगो की माने तो दलदल पर जमे पानी को पीने से सारे रोग दूर हो जाते हैं.यहां के पुजारी बताते हैं कि ये स्थान बहुत प्राचीन है.यहां दूर दूर से लोग आते हैं.

पांच दिनो का लगता है.मेला
दलदली मंदिर लोगो की आस्था औऱ विश्वास का केंद्र है.यहा पूष माह के पूर्णिमा से आना शुभ रहता है.हर साल हजारों की संख्या में दूर-दूर से यहां श्रद्धालू आते हैं. मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र से लोग अपनी मंन्नत को लेकर इस स्थान पर आते हैं.बताया जाता है.इस पवित्र स्थान में नवदम्पति जिनको संतान प्राप्ति नही होती उनकी मन्नत पूरी होती है.और पूरी होने के बाद हर श्रद्धालु यहां आते हैं.और पूजन पाठ कर बच्चों का मुंडन करते हैं.

दलदली जमीन की पूजा

Leave a Comment

error: Content is protected !!